सर्दियों में बच्चों को जरूर खिलाएं ये खाद्य पदार्थ, रोग प्रतिरोधक क्षमता होगी मजबूत

अगर आप यह चाहते हैं कि सर्दियों के दौरान आपका बच्चा सर्दी-जुकाम जैसी समस्याओं से बचा रहे तो उसकी डाइट में रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करना बेहतर है। आइए आज हम आपको कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में बताते हैं, जिनका सेवन आपके बच्चे को न सिर्फ ठंड से बचाएगा बल्कि कई तरह से शारीरिक समस्याओं से भी सुरक्षित रखने में मदद करेगा।

सूखे मेवे
सर्दियों के दौरान बच्चे को बादाम, अखरोट और काजू जैसे स्वादिष्ट सूखे मेवों का सेवन करना काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। सूखे मेवे वसा, फाइबर, प्रोटीन, ओमेगा-6 और ओमेगा-3 से भरपूर होते हैं, जो बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर किसी भी तरह की बिमारियों से बचाए रखने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, ये बच्चों को गर्माहट का अहसास दिलाने में भी सहायक हैं, इसलिए बच्चों को रोजाना थोड़े मेवे खिलाना सुनिश्चित करें।

शकरकंद
विभिन्न एंटीऑक्सिडेंट गुणों और आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर, शकरकंद भी आपके बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ाने में कारगर है। यही नहीं, शकरकंद पोटैशियम, विटामिन-ए, उच्च फाइबर और बीटा कैरोटीन जैसे कई गुणों से समृद्ध से होता है, जो बच्चे के शरीर को मजबूती देने और विकसित करने में मदद कर सकते हैं। आप अपने बच्चों को शकरकंद का सेवन किसी भी रूप में जैसे उबला हुआ या भुना हुआ या सलाद में टॉस करके करवा सकते हैं।

गुड़
सर्दियों में अपने बच्चे को गुड़ का सेवन जरूर करें क्योंकि इसकी तासीर प्राकृतिक रूप से गर्म होती है और इसका नियमित सेवन शरीर को गर्माहट देने में मदद कर सकता है। यही नहीं, यह आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए भी बहुत अच्छा है और बच्चे को खांसी-जुकाम और फ्लू जैसी सर्दी की सामान्य बीमारियों से सुरक्षित रख सकता है। आप चाहें तो अपने बच्चे को गुड़ का सेवन तिल और गुड़ के लड्डू बनाकर करवा सकते हैं।

संतरा और सेब जैसे फल
सर्दियों के दौरान सेब और संतरे जैसे फलों का सेवन भी बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है। बता दें कि संतरे में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट गुण कई तरह की शारीरिक समस्याओं को दूर करने के साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखने में मदद कर सकते हैं। वहीं, सेब में मौजूद विटामिन- ए और अन्य एंटी-ऑक्सीडेंट बच्चे के शरीर को ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस के दुष्प्रभावों से बचाकर रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती देते हैं।

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